True Love Story
ये बात तब की है जब हम कॉलेज में थे हमारी क्लास का पहला पीरियड था जब मैंने उसे पहली बार देखा दरअसल हुआ ये था कि उसने कॉलेज अभी ज्वाइन किया था । उस दिन उसकी पहली क्लास थी जब वह पहली बार क्लास के अंदर आये फिर जब मैंने उसे देखा तब लगा जैसे क्लास में अचानक से ठंडी - ठंडी हवा चलनी लगी एक अजीब तरह की खुश्बू फैल गई चारो तरफ मैं वहा पर थोड़ा सा फ़िल्मी होगया था । टीचर मेरा नाम बार -बार पुकार रहे थे उपस्थिति लेने के लिए लेकिन मैं तो कोई और ही दुनिया में था फिर मेरे बगल में बैठे मेरे मित्र ने बोला भाई तुझे सर क्लास के बाहर जाने को बोल रहे है मैंने हैरानी पूछा कियू उसने बोला तुमने उपस्थिति मिस्स क्र दी है ।फिर उन्होंने मुझे निकाल दिया ऐसी थी हमारी पहली मुलाकात। फिर उसी दिन रात को हमारे पुरे दोस्तों ने मिलकर क्लब जाने का प्लान बनाया उसमे वो भी जा रही थी इसलिए मै भी जाने के लिए तैयार होगया पहली बार जब मैं और मेरा एक और दोस्त क्लब पहुंचे तब वह पहले से ही वहा पर थी । उसने मुझे देख कर स्माइल किया मै कंफ्यूज होगया क्या करो क्युकी मैं पहली बार किसी लड़की को पसंद करने लगा था। फिर जब हम अंदर गये तब मेरे सारे दोस्तों ने सराब ली और डांस करने चले गए बस मजे की बात यह थी की सिर्फ हमदोनो ने सराब नही ली हमदोनो वहा से बाहर निकले मैं अंदर से बहुत काप रहा था और थोड़ा कंफ्यूज भी था कि क्या बोलू हम दोनों एक घंटा साथ बिताया लेकिन एक घंटे में सिर्फ हम दोनों एक दूसरे के नाम ही पूछे थे और कुछ बात नही की सिर्फ चलते गये उसने अपना नाम रिया बताया था। मैं जब अपने लॉज गया तब मेरे दोस्त ने पूछा तुम दोनों इतने देर से क्या बाते कर रहे थे । मैंने बोला मैंने सिर्फ उसका नाम पूछा वो बहुत जोड़ से हँसने लगा और बोला तुमने सिर्फ उसका नाम पूछा । उसका नाम रिया है वह बोला ये तो सब को पता है फिर वह इतना हँसा की मुझे भी हँसी आगई मै रात भर ये सोचता रहा की मुझे उस से और बात करनी चाहिए थी कम से कम मुझे उसका नंबर ही मांग लेना चाहिए था ।
मै जब अगले दिन क्लास पंहुचा तब वहा का माहौल ही अलग था सब लोग उसे मेरे नाम से बोल रहे थे जब उसने मुझे देखा तब वह सरमा गईं । मैंने भी उसे देख कर हस दिया तब तो उसका चेहरा लाल होगया । मै पुरे क्लास टाइम में सिर्फ उसी को देखता रहता और वह जब मुझे देखती वह सरमा कर अपना चेहरा घुमा लेती ऐसे करते - करते एक सप्ताह से ज्यादा होगया अब मेरे सारे दोस्त मुझे कहने लगे उसे उसको बोल दो की तुम उसे लाइक करते हो मैंने बोला नही यार उसे बुरा लगेगा मेरे सब दोस्तों ने कहा नही लगेगा एक बार कर के तो देख मैंने कहा ठीक है कल अगले दिन जब हम पहुँचे तब आज क्लास के सभी दोस्त थे उन्होंने पूछा तुम गुलाब लाये हो मैं रात भर उसे इस बारे में सोचता रहा की मैं तो गुलाब लाना ही भूल गया लेकिन आप तो दोस्तों को तो जानते ही वो ये सब मामले में एक कदम आगे चलते है उन्होंने पहले से ही लाकर रखा था मैं अंदर से बहुत डरा हुआ था मै उसके पास गया और बोला मुझे तुम्हे कुछ कहना है उसने कहा मुझे भी मैं तो डर गया क्या होगा उसने गुलाब निकाल कर मुझे ही उसने कहा I LOVE YOU.फिर उसने मुझे एक शायरी कहि जो मुझे आज तक याद है।
दिल की धड़कन और मेरा सदा है तू
मेरी पहली और आखिरी वफ़ा है तू
चाहा है तुझे चाहत से भी बढ़ कर
मेरी चाहत और चाहत की इंतहा है तू।
मैंने भी उसे I LOVE YOU 2 कहा और सारे क्लास में ताली और सिटी बजने लगी । फिर थोड़े देर में टीचर आगये क्लास चालू होगये लेकिन हमें क्या फर्क पड़ता है हम दोनों एक साथ बैठे हुए थे ।उसने मुझे अपना नंबर दिया मै लॉज जा कर सबसे पहले उसे कॉल किया उसकी माँ ने कॉल उठाया मैं ने डर से काट दिया फ़ोन दुबारा मेरी हिमत नही हो रही थी उसे कॉल करने के लिए कुछ देर बाद उधर से कॉल आया उसने बोला hello! मैंने बोला मैंने इस से पहले कॉल किया था तुम्हारी माँ ने कॉल उठाया था उसने बोला मुझे पता था कि तुम ही होंगे इसलिये मैंने दुबारा कॉल किया हम उस दिन से घंटो बाते करते थे ।
एक दिन जब वह कॉलेज से घर जा रही तब रस्ते में कुछ लड़के उसका नाम पूछ रहे थे और उसे कमेंट कर रहे थे । जब मैंने उसे कॉल किया तब वह परेशान लग रही थी मैंने पूछा तब उसने कहा कुछ नही हुआ मैंने उसे डाट कर पूछा तब उसने बताया कि कुछ लड़के उसे कुछ दिनों से परेशान कर रहे है। मैंने तुरंत अपने दोस्तों को कॉल किया और गया उन लड़कों के पास और समझाया कि आइंदा से अगर ऐसा किया तब तुम देखना वह कहने लगा क्या करोगे इतने में हम में लड़ाई सुरु होगये हमने उन्हें बहुत मारा उस दिन के बाद से वो दुबारा रास्ते पर नही दिखे । फिर ऐसे ही चलता गया हमारा ग्रेजुएशन भी पूरा होगया उस दिन हमारे कॉलेज की आखरी दिन था मैं अपने घर चला गया काम के तलास में मै हर दिन उसे कॉल कर के बात करता था ताकि उसे मेरी याद न आये उसके एक साल बाद उसका कॉल आया की उसकी सादी तय हो रही है मैं घबरा गया मैंने तुरंत अपनी माँ से बात की मेरी माँ ने मेरे पिता जी से बात की हम मिडिल क्लास परिवार से थे । हम जब उसके घर गए सादी का रिश्ता लेकर तब उसके बाप ने रिस्ता मानने से इंकार कर दिया उन्होंने बोला की हम हाई क्लास के है तुम मेरी बेटी के लायक नही हो और उन्होंने ये भी बोला मेरा बेटा बहुत बड़ा आदमी होगा । तुम लोगो की इतनी औकात नही है वह वही पर रोने लगी। फिर भी उसके बाप सादी के लिए तैयार नही हुआ वह बहुत रोती रही मैं कुछ कर नही पाया उन्होंने हमें निकल दिया मैंने उसे कॉल किया और बोला की तुम मेरे पास आजाओ बाकि मै देख लूंगा उसने आने से इंकार कर दिया कहा मेरे पिता जी सह नही पायंगे उन्हें कुछ होगया तो मैं कभी खुस नही रह पाऊँगी और फिर वह रोने लगी हम दोनों जितनी देर बाते की उतनी देर रोते रहे।
फिर उसकी सादी का दिन आ गया मै छुपके से उसके घर गया उसे लेजाने मै जब उसके कमरे में गया तब वह मुझे देख कर बहुत रोने लगे मैंने उसे संभाला और कहा चलो मेरे साथ उसने अपने पापा के कारण जाने से इंकार कर के रोने लगी फिर उसने मुझे अपने कमरे से चले जाने को कहा । फिर उसके पिता जी ने उसकी सादी कर दी और मै कुछ कर नही पाया मै वहा से चला गया । आज वह उसकी सादी के दो साल बाद वह मेरी कंपनी में आई थी अपने पति के साथ ।मेरे कंपनी के साथ डील करने हम दोनों एक दूसरे को देख कार आशु नही रोक पाए ।आज मेरे पास सबकुछ है बस कमी है तो उसकी मै उसे हर दिन याद करता हु। उसकी एक कविता मुझे आज तक याद है जिस दिन हमारी आखिरी बात हुई थी।
बेशक गलती सिर्फ तेरी नहीं,
कुछ मेरी भी होगी
खामोश रातों में आंखें तेरी भी भीगी होगी
यकीन है हमें
तू भी तड़पा होगा भीगी पलकों के साथ
बीते लम्हों की तुझे भी याद आयी होगी
बेशक गलती सिर्फ तेरी नहीं,
कुछ मेरी भी होगी
वो रातों की कुछ शरारतें
जिस में अक्सर नींदें खो जाया करती थी
बेशक तुझे भी याद होगा
कि किस कदर तेरी मुहब्बत में अक्सर आंखें भीग जाया करती थी
बुरा नहीं है तू
बेशक गलती सिर्फ तेरी नहीं
कुछ मेरी भी होगी
रात के आहोश में उस पल तू भी अकेले भीगा होगा
जिस पल तुझे मेरी ज़रूरत सबसे ज़्यादा होगी
बेशक गलती सिर्फ तेरी नहीं
कुछ मेरी भी होगी
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